
१) जानिए क्या है CAA कानून?
नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो दिसंबर 2014 तक किसी न किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण लिए हुए हैं. इसमें गैर-मुस्लिम माइनोरिटी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हैं । बता दें कि भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को CAA से कोई खतरा नहीं है.
२) किस साल में पारित हुआ था CAA?
पहली बार सीएए 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था । यहां से तो यह बिल पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में जाकर ये अटक गया था । बाद में इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए और फिर से बीजेपी की सरकार बनी । तब दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया और इस बार ये लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया । इसके बाद 10 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूरी मिल गई थी लेकिन कोरोना वायरस और विरोध प्रदर्शनों के कारण इसे लागू करवाने में देरी हुई ।
३) किस को मिल सकेगी नागरिकता?
CAA लागू होने के बाद किसे नागरिकता देनी है और किसे नहीं देनी है इसका पूरा अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा । पाकिस्तान-अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी । सूत्रों के मुताबिक, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए थे, केवल उन्ही लोगों को नागरिकता दी जाएगी ।
४) कैसे करना होगा आवेदन?
भारतीय नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है । इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो चुका है । इस पोर्टल पर आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था । नागरिकता पाने के लिए आवेदकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा । पात्र विस्थापितों को सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन करना होगा, जिसके बाद गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा और आवेदक को नागरिकता जारी कर दी जाएगी ।
५) क्या इसमें मुसलमानो की नागरिकता छीने जाने का कोई प्रावधान है ?
नही, इस बिल में किसी भारतीय की नागरिकता खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है ।