वक्फ बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की आगामी बैठकों का विपक्षी सांसदों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल पर “मनमानी और हठधर्मिता” का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी विपक्षी सदस्यों ने इस बैठक में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
कल्याण बनर्जी ने कोलकाता में पत्रकारों को बताया, “विपक्षी सांसदों ने दौरे का बहिष्कार करने का फैसला किया है। अध्यक्ष मनमानी और हठधर्मिता से काम कर रहे हैं।” एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बिल पर चर्चा के लिए जेपीसी की यह बैठक 9 नवंबर से शुरू होकर अगले छह दिनों तक चलेगी, जिसमें गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ में बैठकें होंगी, जबकि रविवार को अवकाश रहेगा।
बनर्जी ने आगे बताया कि 5 नवंबर को विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और जेपीसी की बैठक का शेड्यूल स्थगित करने की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने सप्ताह में दो दिन की बजाय हर पखवाड़े दो लगातार दिनों में बैठकें करने का सुझाव दिया। बनर्जी के अनुसार, स्पीकर बिरला ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था और अध्यक्ष से इस पर चर्चा करने का भी वादा किया था, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
टीएमसी नेता ने बताया कि विपक्षी सांसदों ने बैठक के पुनर्निर्धारण का अनुरोध इसलिए किया था क्योंकि सभी सांसदों के पास अन्य आधिकारिक कार्य भी हैं और उन्हें अपने क्षेत्रों के लोगों से भी मिलना होता है। इसके अलावा, बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ विधेयक में जिन हितधारकों का सीधा संबंध है, उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है, जबकि जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें बैठक में बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सत्ताधारी पक्ष के सदस्य अपने निजी एजेंडे पर काम कर रहे हैं, न कि राष्ट्रहित में।” विपक्षी सांसदों के इस बहिष्कार से वक्फ बिल की समीक्षा पर असर पड़ सकता है।