
रामलला की नई मूर्ति गर्भगृह में पहुंच गई है | पीएम मोदी चूंकि इसमे यजमान हैं एवं इस समय वो प्रधानमंत्री भी हैं अतः वो 11 दिनों के कठिन अनुष्ठान का पालन कर रहे हैं | इस अनुष्ठान के नियम बहुत कठोर हैं | इस दौरान वो बस नारियल पानी ही पी रहे हैं और जमीन पर सो रहे हैं | पीएम मोदी का सात्विक उपवास 12 जनवरी से शुरू हुआ है | 11 दिनों का यह उपवास स्वयं को शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है | इस दौरान वह खास दिनचर्या अपनाएंगे |
यही नहीं, 11 दिनों के अनुष्ठान के लिए पीएम मोदी ने बिस्तर का भी त्याग किया हुआ है, वो जमीन पर कंबल बिछाकर सो रहे हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूर्ण व्रत रखेंगे. इस दौरान वह विशिष्ट मंत्रों का जाप करेंगे | एक समर्पित राम भक्त के रूप में, प्रधानमंत्री पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न मंदिरों में जाकर दर्शन कर रहे हैं, जिनमें नासिक में रामकुंड और श्री कालाराम मंदिर भी शामिल हैं; इस सूची में लेपाक्षी, पुट्टपर्थी, आंध्र प्रदेश में वीरभद्र मंदिर; केरल में गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर भी हैं | इसी तरह वह अगले दो दिनों में तमिलनाडु में ऐसे और मंदिरों का दौरा करेंगे | ये मंदिर न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने का काम करते हैं, बल्कि इनका भगवान राम से भी गहरा संबंध है |
12 जनवरी को उन्होंने नासिक के श्री कालाराम मंदिर के मंदिर परिसर की खुद सफाई की. उन्होंने ऐसा कर एक उदाहरण भी पेश किया है. पीएम मोदी की इस पहल के बाद देशभर में लाखों लोगों ने स्वेच्छा से मंदिरों की सफ़ाई का कार्य संभाला | पीएम मोदी देशभर के अलग-अलग मंदिरों का दौरा कर अपने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विजन को भी और मजबूत कर रहे हैं |
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