G-20 सदस्य देशों के बीच सबकी सहमति से ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ (नई दिल्ली घोषणापत्र) को अपनाया गया है | इसमे बहुत से मुद्दों पर सभी देशों की सहमति बनी है |
Summit मे इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर लॉन्च हुआ है | इस कॉरिडोर का उद्देश्य UAE, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से होते हुए भारत से यूरोप तक फैले रेलवे मार्गों और बंदरगाह लिंकेज को जोड़ना है | रेल लिंक से भारत और यूरोप के बीच व्यापार करीब 40% तक तेज हो सकता है | भारत के इस प्रस्ताव पर सदस्य देशों की रजामंदी, चीन के लिए बड़े झटके से कम नहीं है | इस ऐलान से चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई को तगड़ा झटका लगा है, जिसका भारत पहले से विरोध करता रहा है |
जी 20 समिट के पहले दिन ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया. इसका उद्देश्य टिकाऊ बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाना है. बायोफ्यूल पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी और फूड वेस्ट से बनने वाला ईंधन होता है और इसे कई तरह के मायोमास से निकाला जाता है. इसमें कार्बन की कम मात्रा होती है. अगर इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो दुनिया में पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा |
जी-20 समिट के पहले दिन में भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था, बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से PM Modi ने इसे पारित किया | एक्सपर्ट्स की मानें तो अफ्रीका में चीन का प्रभाव बढ़ा है | ऐसे में भारत का यह कदम अफ्रीकी महाद्वीप पर चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए काफी अहम है |
भारत और अमेरिका के बीच 6 जी टेक्नोलॉजी को डेवलप करने पर सहमति बनी है | इसके अलायंस और MoU मे सिर्फ टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट करने पर ही नहीं, बल्कि उसकी सप्लाई चेन विकसित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है | ये चीन के कनेक्टिविटी डिवाइस सेक्टर में बाहुबल को कम करेगा | अभी 5जी मामले में चीन का दुनिया के बाजार में दबदबा है | यह दबदबा कम होगा तो भारत और अमेरिका को इसका फ़ायदा मैने की उम्मीद है |
जी-20 मे एक सबसे बड़ा फ़ायदा जो भारत को हुआ है वो है की भारतीय संस्कृति को विश्वभर के नेताओं ने देखा तथा सराहा है | इससे भारत के Tourism sector के बढ्ने की उम्मीद है |